पीएम कुसुम सोलर पंप योजना: किसानों के लिए एक वरदान..90% सबसिडी ; केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘पीएम कुसुम’ (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना किसानों के लिए सिंचाई के खर्च को शून्य करने की एक ऐतिहासिक पहल है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के लगभग 3.5 लाख किसानों को लाभ पहुँचाना और डीजल व पेट्रोल से चलने वाले करीब 17.5 लाख पुराने पंपों को सौर ऊर्जा में बदलना है। सरकार ने इसके लिए ₹34,000 करोड़ का भारी-भरकम बजट आवंटित किया है, ताकि किसानों को बिजली की अनिश्चितता और महंगे डीजल के बोझ से हमेशा के लिए मुक्ति मिल सके।
90% सब्सिडी का गणित और आर्थिक लाभ इस योजना की सबसे बड़ी खासियत इसकी सब्सिडी संरचना है। किसानों को सोलर पंप लगवाने पर कुल लागत का 90% तक अनुदान मिलता है। इसमें 30% हिस्सा केंद्र सरकार और 30% हिस्सा राज्य सरकार वहन करती है, जबकि शेष 30% राशि बैंक से आसान लोन के रूप में प्राप्त की जा सकती है। इसका सीधा मतलब यह है कि किसान को शुरुआत में केवल 10% लागत ही अपनी जेब से देनी होगी। उदाहरण के तौर पर, यदि सोलर पंप का कुल खर्च ₹1 लाख है, तो किसान को मात्र ₹10,000 ही जमा करने होंगे।
आमदनी का नया जरिया और सौर ऊर्जा का महत्व यह योजना न केवल सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली प्रदान करती है, बल्कि किसानों को ‘ऊर्जा दाता’ भी बनाती है। यदि सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली किसान की खपत से अधिक होती है, तो वह अतिरिक्त बिजली को सरकारी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को बेचकर अतिरिक्त कमाई भी कर सकता है। इससे खेत में फसल के साथ-साथ बिजली का भी उत्पादन होगा, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। साथ ही, यह पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि यह डीजल के धुएं और प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, भूमि के दस्तावेज (खसरा-खतौनी), मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज होना अनिवार्य है। इच्छुक किसान आधिकारिक वेबसाइट pmkusum.mnre.gov.in पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। आवेदन के दौरान सावधानी बरतना जरूरी है, क्योंकि इंटरनेट पर कई फर्जी वेबसाइटें मौजूद हैं। हमेशा ध्यान रखें कि सरकार किसी व्यक्तिगत खाते या फोन-पे के माध्यम से पैसे नहीं मांगती; आवेदन शुल्क केवल आधिकारिक पोर्टल या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए ही जमा किया जाना चाहिए।